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व्रत कथा | Vrat Katha
सनातन धर्म में व्रत या उपवास का अपना महत्व है । इंद्रियों को संयम में रखने हेतु यह एक सर्वकालिक विधि है । हर व्रत की अपनी लोक-कथायें समाज में परंपरागत रूप से प्रचलित हैं ।
हवन-पूजा | Havan Pooja
हवन अथवा यज्ञ भारतीय परंपरा अथवा सनातध धर्म में शुद्धीकरण का एक कर्मकांड है। कुण्ड में अग्नि के माध्यम से ईश्वर की उपासना करने की प्रक्रिया को यज्ञ कहते हैं। सनातन धर्म में शास्त्रों के अनुसार की गयी वैदिक पूजा को ही सर्वश्रेष्ठ पूजा कहा गया है यदि पूर्ण श्रद्धा एवं विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना कि जाये, तो निष्चित रूप से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
श्रीमद्भागवत सप्ताह | Shrimad Bhagwat Saptah
श्रीमद्भागवत का मुख्य वर्ण्य विषय भक्ति योग है, जिसमें कृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरुपण भी किया गया है। परंपरागत तौर पर इस पुराण के रचयिता वेद व्यास को माना जाता है।
श्रीमद् देवी भागवत सप्ताह | Shrimad Devi Bhagwat Saptah
यह पुराण परम पवित्र वेद की प्रसिद्ध श्रुतियों के अर्थ से अनुमोदित, अखिल शास्त्रों के रहस्यका स्रोत तथा आगमों में अपना प्रसिद्ध स्थान रखता है। यह सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, वंशानुकीर्ति, मन्वन्तर आदि पाँचों लक्षणों से पूर्ण हैं। पराम्बा भगवती के पवित्र आख्यानों से युक्त है।
रामायण आदि ग्रन्थ | Ramayan etc Epic Text
रामायण हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी। यह आदि कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है। इसके २४,००० श्लोक[ख] हैं। इसके अतिरिक्त कई और ग्रन्थ हैं जिनका सस्वर पाठ होता है ।
पर्व प्रार्थना व उत्सव | Festivals Prayer
सनातन धर्मानुसार व परंपरागत हम भारतीय विभिन्न प्रकार के पर्व उत्सव के रूप में मनाते आ रहे हैं । पर्व पर उत्साहित होकर उत्सव मनाना हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है ।
नामकरण संस्कार | Namkaran Sanskar
सनातन धर्म में नवजात शिशु का नामकरन अपना महत्व रखता है । नाम जो हमारे शरीर के अन्तिम क्षणों तक साथ रहता है और नाम से ही हमारे भौतिक शरीर को पहचान मिलती है ।
यज्ञोपवीत संस्कार | Yagyopavit Sanskar
इस संस्कार में जनेऊ पहना जाता है व मुंडन और पवित्र जल में स्नान होते हैं। सूत से बना वह पवित्र धागा जिसे यज्ञोपवीतधारी व्यक्ति बाएँ कंधे के ऊपर तथा दाईं भुजा के नीचे पहनता है। यज्ञ द्वारा संस्कार किया गया उपवीत, यज्ञसूत्र या जनेऊ । यज्ञोपवीत एक विशिष्ट सूत्र को विशेष विधि से ग्रन्थित करके बनाया जाता है। इसमें सात ग्रन्थियां लगायी जाती हैं।
विवाह संस्कार | Vivah Sanskar
सनातन धर्म में सद्गृहस्थ की, परिवार निर्माण की जिम्मेदारी उठाने के योग्य शारीरिक, मानसिक परिपक्वता आ जाने पर युवक-युवतियों का विवाह संस्कार कराया जाता है। भारतीय संस्कृति के अनुसार विवाह कोई शारीरिक या सामाजिक अनुबन्ध मात्र नहीं हैं, यहाँ दाम्पत्य को एक श्रेष्ठ आध्यात्मिक साधना का भी रूप दिया गया है। इसलिए कहा गया है 'धन्यो गृहस्थाश्रमः'।युवक-युवतियों का विवाह संस्कार कराया जाता है।
अंतिम संस्कार | Last Rituals
सनातन धर्म में पुनर्जन्म की अवधारणा विदित है । अंतिम संस्कार हिन्दुओं के पृथ्वी पर बिताये गये जीवन का आखिरी संस्कार होता है जिसे व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात मृतक के परिजनों द्वारा संपन्न किया जाता है।